Pandit for Asthi Visarjan in Gokarna: Cost, Vidhi & Benefits
Pandit for Asthi Visarjan in Gokarna: We have discussed the cost of Asthi Visarjan, Vidhi, and benefits many times. This…
भारतीय संस्कृति में पूजा और जाप प्राचीनकाल से ही एक महत्वपूर्ण प्रथा रही है। जाप एक आध्यात्मिक प्रयास है जिसमें मन संकल्पित मन्त्रों की अवरोध-मुक्त ध्वनि में अवश्यंभावी ध्यान को स्थापित करता है अर्थांत जाप का तात्पर्य किसी सिद्धमंत्र के द्वारा बार बार उच्चारण करना होता है । किसी भी पूजा या जाप में पूजन सामग्री का विशेष महत्व होता है | महामृत्युंजय जाप पूजन सामग्री का ज्ञान होने पर आप जाप के दौरान होने वाले विधन या रूकावट को रोक सकते हो जिससे की जाप का सीधा फल आपको मिलता है |
महामृत्युंजय जाप में प्रयुक्त मंत्र “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥” है इसका मतलब है कि हम उस भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर प्राणी में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरी जगत का पालन-पोषण करते हैं। महामृत्युंजय जाप एक ऐसा जाप है जिसे लोग जीवन की विपदाओं, बीमारियों और मृत्यु के खतरों से बचने के लिए करते हैं।
आप 99पंडित के ऑनलाइन प्लेटफार्म द्वारा महामृत्युंजय जाप कर आने हेतु ऑनलाइन पंडित बुक कर सकते है | 99पंडित अनुभवी व पेशेवर पंडितो की एक ऐसी टीम है जो आपको महामृत्युंजय जाप के दौरान होने वाले असंगत, खर्चे को कम करते है साथ में वैदिक – विधि जो ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद में वर्णित है के अनुसार पूर्ण करवाने का वास्तविक अनुभव आपको प्रदान करवाते है |
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हम 99पंडित किसी भी धार्मिक कार्य को शास्त्रानुसार करवाने की सहभागिता निभाते है, जिससे की यजमान के द्वारा करवाया गया महामृत्युंजय जाप निष्फल न हो और घर – परिवार के सदस्यों को महामृत्युंजय जाप का शत- प्रतिशत लाभ मिलें |
इस ब्लॉग द्वारा हमारा यानि 99पंडित का उद्देश्य आपको महामृत्युंजय जाप की पूजन सामग्री के बारे सही व सटीक जानकारी देना है जिससे की आपको जाप के दौरान किसी परेशानी का सामना न करना पड़े | क्यों की कई बार यह देखा गया है की सामग्री की व्यवस्थता अगर सही-ढंग से नहीं की जाती है तो जाप शुरू होने के बाद सामग्री की व्यवस्थता करने में भागम- भाग रहती है जिससे की यजमान को जाप का फल नहीं मिलता व मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो पति है |
अतः हम 99पंडित इस बात का महत्व समझते हैं और भगतों को सामग्री के लिए होने वाली इस असमंजस से निकलने का हर संभव प्रयास करते है |
इस पूजा में सामग्री को सत्य, पवित्रता, और भक्ति के साथ उपयोग करें और अपने आध्यात्मिक अनुभव को गहराई दें। 99पंडित द्वारा निचे दी गयी सूचि आपके महामृत्युंजय जाप के दौरान आपके लिए उपयोगी साबित होगी, ऐसी हम 99पंडित कामनाकरते है | सूचि इस प्रकार से है |
सामग्री | मात्रा |
रोली | 50 ग्राम |
हल्दी | 50 ग्राम |
सिन्दूर | 5 नग |
लौंग | 1 पैकेट |
इलायची | 1 पैकेट |
सुपारी | 25 ग्राम |
शहद | 50 ग्राम |
इत्र | 100 ग्राम |
गंगाजल | 1 नग |
सुगंधित तेल | 1 बोतल |
केवड़ा जल | 1 बोतल |
गरिगोला | 8 नग |
पंचमेवा | 250 ग्राम |
धुप बत्ती | 5 पैकेट |
माचिस | 1 नग |
रुई बत्ती | 1 पैकेट |
देशी घृत | सवा किलो |
कलश मिट्टी का | 7 नग |
कलश धातु का | 1 नग |
सकोरा | 10 नग |
दियाळी | 25 नग |
यज्ञोपर्वात | 15 नग |
दोना | 1 पैकेट |
अबीर | 1 पैकेट |
गुलाल | 1 पैकेट |
अभ्रक | 1 पैकेट |
लाल चन्दन | 1 पैकेट |
अष्टगंध चन्दन | 1 पैकेट |
हरिदर्शन चन्दन | 1 डिब्बी |
महाराजा चन्दन | 1 पैकेट |
पीला कुमकुम | 1 पैकेट |
कपूर | 100 ग्राम |
पानी वाला नारियल | 2 नग |
भस्म | 1 पैकेट |
कमलगट्टा | 200 ग्राम |
सप्तमृतिका | 1 पैकेट |
सप्तधान्य | 1 पैकेट |
सर्वोषधि | 1 पैकेट |
पंचरत्न | 1 पैकेट |
पीली सरसों | 50 ग्राम |
पीला कपड़ा वेदी के लिए | 5 मीटर |
लाल कपडा | 2 मीटर |
श्वेत कपडा | सवा मीटर |
हरा कपडा | आधा मीटर |
काला कपडा | आधा मीटर |
नीला कपड़ा | आधा मीटर |
हनुमान जी वाला झंडा , माध्यम साइज | 1 नग |
चावल (साबुत वाले ) | 11 किलो |
रंग लाल हरा, पीला, काला, | 5 + 5 पैकेट |
महामृत्युंजय यंत्र | 1 नग |
रुद्राक्ष की माला | 2 नग |
ब्रह्म पूर्णपात्र भगोना या डिब्बा | सात किलो साइज |
चांदी का सिक्का (देवता विहीन ) | 2 नग |
साड़ी देवियो के श्रृंगार सहित | 2 सेट |
चौड़ी पट्टी की धोती देवताओ के लिए | 3 सेट |
चौकी | 1 तीन बाई तीन , 4 दो बाई दो |
पीढ़ी चौकोर वाला | 4 नग |
शिव पार्वती जी का चित्र (दो बाई तीन) | 1 नग |
लक्ष्मी की मूर्ति | 1 नग |
राम दरबार की प्रतिमा | 1 नग |
कृष्ण दरबार की प्रतिमा | 1 नग |
हनुमान जी महाराज की प्रतिमा | 1 नग |
दुर्गा माता की प्रतिमा | 1 नग |
जौ | 500 ग्राम |
फल एवं मिठाई ,दूध एवं दही आवश्यकतानुसार | – |
फूल | 500 ग्राम |
फूल माला | 10 मीटर |
पान | 11 नग |
आम का पल्लव | 10 नग |
हरी -हरी दूर्वा घास | – |
बेलपत्र, बेल फल, धतूरा, समी, भांग प्रतिदिन | – |
बालू जौ बोने के लिए | लगभग आधी बोरी |
आटा | 500 ग्राम |
चीनी | 500 ग्राम |
थाली | 7 पीस |
लोटे | 2 पीस |
गिलास | 9 पीस |
चम्मच | 11 पीस |
परात | 4 पीस |
गाय का गोबर | – |
बिछाने का आसन | – |
इसके अलावा आपको पंडित वरण सामग्री, माला , गोमुखी , पंचपात्र , आमचनी, झण्डे के लिए एक बांस की छड़ी भी आदि आवश्यकता रहेगी |
महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥” है।
भगतों को बता दे की महामृत्युंजय मंत्र के कुल ३२ शब्दो का प्रयोग हुआ है यदि हम “ॐ” को इसमें सम्मिलित शब्दो की सख्या “३३” हो जाती है |
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यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और मृत्युंजय से सम्बंधित है। महामृत्युंजय मंत्र का जाप शिव जी की कृपा, सुख, शांति और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह मंत्र रोगों से बचाव और उनके उपचार में भी मददगार साबित होता है।
महामृत्युंजय जाप एक प्राचीन और प्रभावी पूजा पद्धति है जो शिव की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने में सहायता करती है। इस पूजा की सामग्री और उपयोगिता आपके भाग्य में नया सवेरा, आपके स्वास्थ्य में सुधार और घर में सुख- समृद्धि को बढ़ाने में मदद करती है।
जब आप महामृत्युंजय जाप करते हैं, तो ध्यान दें कि आपकी मनस्थिति शुद्ध होनी चाहिए और पूजा के विधानों का पालन करें। इसके अलावा महामृत्युंजय जाप आपकी आध्यात्मिक साधना में स्थिरता और शक्ति लाने का एक महान उपाय है।
महामृत्युंजय मंत्र के जाप नियमित रुप से करने से व्यक्ति को असाध्य रोग जैसे कैंसर आदि से पीड़ित रोग से छुटकारा मिलता है | यदि कोई ऐसा बीमार व्यक्ति जो असहनीय रोग से ग्रस्त हो और जीवन और मृत्यु के बीच में अंतर दिखाई देने लगे उसके लिए महामृत्युंजय जाप आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है |
यदि व्यक्ति द्वारा महा मृत्युंजय मंत्र का ११००० बार जाप करने से सम्भावना है कि उसकी पीड़ा शांत हो जाये नहीं तो पीड़ित व्यक्ति अपनी पीड़ा से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त होता है, इस मंत्र के नियमित जाप से मनुष्य को सभी प्रकार से भय रोग, दोष और पाप आदि से मुक्ति मिलती है | महामृत्युंजय मंत्र के जाप से व्यक्ति समस्त सांसारिक सुखों को प्राप्त करता है और अंत में मोक्ष को प्राप्त होता है |
अगर आप घर पर महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर रहे है तो आपको निम्न बातों का पता होना आवश्यक होता है |
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यदि आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप के दौरान इन सब बातों का ध्यान रखते हो तो आपको मोक्ष की प्राप्ति होने से कोई नहीं रोक सकता |
महामृत्युंजय जाप आप पूर्ण वैदिक विधि से करते है तो इसके द्वारा आप हर संभव मनोकामना पूर्ण कर सकते हो |
99पंडित महामृत्युंजय जाप जैसे आयोजन के लिए आपको सिद्ध पंडित उपलब्ध करवाता है जो | यह महामृत्युंजय जाप के लिए सर्वश्रेष्ठ है |
ऑनलाइन पंडित बुकिंग के लिए आपको 99पंडित की आधिकारिक साइट पर जाकर “ बुक ए पंडित” पर क्लिक करना होगा | क्लिक करने के बाद आपको अपनी सामान्य जानकारी दर्ज करनी होगी जैसे नाम, जीमेल, पूजा का चयन ,और फ़ोन नंबर का विवरण प्रदान कर आप अपनी पूजा की पुष्टि प्राप्त कर सकते हो |
महामृत्युंजय जाप पूजन सामग्री के अतिरिक्त आप 99पंडित के माध्यम रामकथा पूजन सामग्री , श्रीमद् भागवत महापुराण कथा सामग्री, अखंड रामायण पाठ सामग्री, व अन्य धार्मिक आयोजन संपन्न करवाने हेतु सामग्री का विवरण प्राप्त क्र सकते है व इन आयोजनों हेतु अपना पंडित बुक कर सकते है |
अधिक जानकारी के लिए आप हमें 8005663275 पर कॉल करके महामृत्युंजय जाप का आयोजन करवाने हेतु अपना पंडित बुक कर सकते हो | 99पंडित आपके द्वारा करवाए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठान में आपका सार्थी रहेगा |
Q.महामृत्युंजय जाप क्या है?
A.महामृत्युंजय जाप एक प्राचीन हिन्दू पूजा प्रथा है जिसमें महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और मृत्यु के प्रभाव से रक्षा करने के लिए प्रयोग किया जाता है।|
Q.महा मृत्युंजय मंत्र कौनसा है?
A.महामृत्युंजय मंत्र अथर्ववेद से लिया गया है और इसका जाप मृत्यु और रोगों से बचाव और उनके निवारण के लिए किया जाता है। यह मंत्र निम्न है:
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्”॥
Q.महामृत्युंजय जाप कितने दिन करना चाहिए?
A.महामृत्युंजय जाप को नियमित रूप से करने के लिए कोई निश्चित संख्या नहीं है। हालांकि, धार्मिक परंपराओं में यह कहा जाता है कि आप महामृत्युंजय जाप को दैनिक, साप्ताहिक या मासिक आयोजन में शामिल कर सकते हैं। आप अपनी सामर्थ्य और समय के अनुसार इसे निर्धारित कर सकते हैं।
महामृत्युंजय जाप का नियमित अभ्यास करने से आपको मानसिक और शारीरिक शांति मिलती है।
Q.महा मृत्युंजय मंत्र कितनी बार करना चाहिए?
A.महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने का कोई निश्चित नियम नहीं है, लेकिन अधिकांश धार्मिक प्रथाएं इस मंत्र का यथासंभव अधिक से अधिक जाप करने की सलाह देती हैं। यह मंत्र हिंदू धर्म में महादेव भगवान शिव को समर्पित है और मृत्यु, स्वास्थ्य, खुशी और लंबे जीवन के भय को दूर करने के लिए इसका जाप किया जाता है।
मान्यता के अनुसार, सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली विधियों में से एक है महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करना। इस अंक को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और अधिक सकारात्मक प्रभाव के लिए ऐसा किया जाता है।
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