Pandit for Asthi Visarjan in Gokarna: Cost, Vidhi & Benefits
Pandit for Asthi Visarjan in Gokarna: We have discussed the cost of Asthi Visarjan, Vidhi, and benefits many times. This…
शास्त्रों के अनुसार जिस भी जातक की कुंडली में ग्रहों से सम्बंधित कोई दोष होता है तो उसे नवग्रह शांति पूजा करने की सलाह दी जाती है| मान्यता है कि नवग्रह शांति पूजा को करने से नवग्रह के सभी दोषों से मुक्ति मिलती है| नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों का काफी महत्व बताया गया है|
हिन्दू धर्म में इन 9 दिनों को बहुत ही शुभ माना जाता है| नवरात्रि के 9 दिनों तक भक्तों द्वारा माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उपवास किया जाता है और देवी शक्ति का पूजन किया जाता है| मान्यता है कि इस दिन देवी मां की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है तथा सभी कष्ट दूर होते है| ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देवी दुर्गा में नवग्रहों का वास माना जाता है| माँ दुर्गा के साथ ही नवग्रह शांति पूजा भी जाती है|
यह नवग्रह शांति पूजा नवग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए की जाती है| नवग्रह में “नव का अर्थ नौ और ग्रह का अर्थ ग्रह है” | इन सभी नौ ग्रहों में सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहू और केतु शामिल है| नवग्रह मनुष्य के जीवन काफी बड़ा महत्व रखते है| व्यक्ति के साथ जो भी अच्छा या बुरा होता है वो इन नवग्रहों के कारण ही होता है| लोग के द्वारा स्वयं और उनके परिवार पर सभी नौ ग्रहों की कृपा बनवाएं रखने के लिए नवग्रह शांति पूजा या नवग्रह सम्मान किया जाता है| यह नवग्रह शांति पूजा उन व्यक्तियों को जरूर करनी चाहिए जो काफी समय से अपने पारिवारिक जीवन और व्यावसायिक जीवन में बाधाओं का सामना कर रहे हो|
नवग्रह शांति पूजा किसी भी व्यक्ति की कुंडली में हो रहे नवग्रह से नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए की जाती है| नवग्रहों की स्थिति उन लोगो के वित्त और कल्याण पर ज्यादा प्रभाव डालती है| जिन्होंने भी अपने पिछले जन्म में कोई बुरे कर्म किये हो| ग्रह दोषों से छुटकारा पाने और ग्रहों की शांति के लिए पंडितो ने नवग्रह शांति पूजा का आयोजन किया गया|
यह पूजा ग्रहों से सम्बंधित सभी समस्याओं को दूर करने के लिए बहुत ही कम लागत में हो जाती है| इस पूजा को करने से ग्रहों से संबंधित होने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है| नवग्रह शांति पूजा और हवन किसी भी व्यक्ति के जीवन में हो रही सभी व्यापारिक और पारिवारिक समस्याओं को दूर करता है| यह नवग्रह शांति पूजा हानिकारक ग्रहों को रोक कर सौम्य ग्रहों को बढ़ावा देता है|
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आमतौर पर, हम मंदिर में नवग्रह शांति पूजा या हवन करते हैं, 99Pandit की मदद से हम घर पर भी नवग्रह शांति पूजा कर सकते हैं। किसी व्यक्ति की कुंडली के नौ ग्रह उनके जीवन में असफलता और सफलता पर अपना महत्व और प्रभाव डालते हैं। 99Pandit आपके स्थान पर सही समय और दिन पर पूजा करा सकते हैं।
हम कह सकते हैं कि हमारे सौर मंडल के लिए नवग्रह शांति पूजा नौ ग्रहों को समर्पित एक बहुत ही मजबूत अनुष्ठान है। नवग्रह शांति पूजा का उद्देश्य केवल ग्रहों को संतुष्ट करना है क्योंकि वे ही व्यक्ति के दुर्भाग्य और दोष का कारण होते हैं।
नवग्रह चंद्रमा,सूर्य,मंगल,बुध,बृहस्पति,शुक्र,शनि और दो छाया ग्रह राहु और केतु हैं। नवग्रह और नौ ग्रह (या ग्रह) हमारी इच्छाओं, भाग्य और उनके परिणामों पर नियंत्रण रखते हैं। नवग्रह मानव कुंडली में विशेष प्रभाव डालते हैं और उल्लेखनीय भूमिका निभाते हैं।
जो भी लोग अपने जीवन किसी भी तरह की बाधाओं या परेशानियों का सामना कर रहे है| उन्हें अपने जीवन नवग्रह शांति पूजा की जरूरत हो सकती है लेकिन इस पूजा को ऐसे ही नहीं किया जा सकता है| इस पूजा को तभी किया जाता है| जब सभी नौ ग्रह व्यक्ति की कुंडली में सही स्थान पर न हो| अगर ऐसा है तो आपको किसी अनुभवी ज्योतिषी के द्वारा अपनी कुंडली दिखावानी होगी| जिसके पश्चात ज्योतिष जन्म कुंडली की जांच करेगा और ग्रहों के प्रभाव को समझेगा| उसके बाद ही ग्रहों की स्थिति को देखकर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का निर्धारण करेगा|
यह नवग्रह शांति पूजा उन व्यक्तियों के द्वारा करना अति आवश्यक है जो नीचे बताई गई समस्याओं का सामना कर रहा हो|
सूर्य :- || ॐ घ्राणि सूर्याय नमः ||
चंद्रमा :- || ॐ ऐं क्लीं सोमाय नमः ||
मंगल :- || ॐ अंग अंगारकाय नमः ||
बुध :- || ॐ बुं बुधाय नमः ||
बृहस्पति :- || ॐ बृं बृहस्पतये नमः ||
शुक्र :- || ॐ शुं शुक्राय नमः ||
शनि :- || ॐ शं शनैश्चराय नमः ||
राहु :- || ॐ रंग राहवे नमः ||
केतु :- || ॐ केम केतवे नमः ||
|| ॐ नवग्रह नमः ||
नवरात्रि में प्रतिपदा के दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है| वही दूसरी ओर नवग्रहों में प्रतिपदा के दिन मंगल ग्रह शांति की पूजा की जाती है|
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नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है| माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से राहु ग्रह की भी शांति होती है| इस दिन सप्तशती पाठ के साथ ही राहु ग्रह की शांति के लिए इस बीज मंत्र ‘ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नमः’ का जाप करे| इससे राहु ग्रह को शांत किया जा सकता है|
इस दिन माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है| जिससे चंद्र ग्रह की भी शांति होती है| चंद्र ग्रह की शांति के लिए आप इस मंत्र ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नमः’ का भी जप करे| इससे आपको और अधिक फायदा मिलेगा|
केतु ग्रह की शांति के लिए माँ कुष्मांडा की पूजा करनी चाहिए| इसके अलावा ‘ॐ कें केतवे नमः’ का नियमित रूप से जप करने से केतु ग्रह के सभी दोषों से मुक्ति मिलती है|
इस दिन माँ दुर्गा के पांचवे रूप स्कंदमाता की पूजा की जाती है| इस दिन माता की पूजा करने और इस मंत्र ‘ॐ घ्राणि सूर्याय नमः’ का जाप करने से सूर्य ग्रह के दोषों से मुक्ति मिलती है|
नवरात्रि के छठे दिन दुर्गा माँ के कात्यायनी स्वरूप को पूजा जाता है| इस दिन बुध ग्रह की शांति के पूजा करनी चाहिए| इस दिन बुध ग्रह के बीज मंत्र ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नमः’ का नियमित रूप से जाप करें|
इस दिन दुर्गा माँ के कालरात्रि रूप की पूजा की जाती है| इस दिन शनि ग्रह की शांति के पूजा करनी चाहिए| इस शनि देव इस मंत्र ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नमः’ का जाप करने से शनि ग्रह के दोषों से मुक्ति मिलती है|
माता महागौरी के इस पावन दिवस पर गुरु ग्रह के शांति के लिए पूजा की जाती है| अष्टमी के दिन गुरु ग्रह के शांति पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है| इस दिन ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नमः’ मंत्र का जाप करने से गुरु ग्रह के सभी दोषों का निवारण हो जाता है|
नवरात्रि की नौवें दिन माँ दुर्गा के स्वरूप माँ सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है| इस दिन शुक्र ग्रह की शांति के लिए पूजा की जाती है| शुक्र ग्रह के दोष के प्रभाव को कम करने के लिए इस मंत्र ‘ॐ शुं शुक्राय नमः’ का जाप करना लाभदायक बताया गया है|
सूर्य – सूर्य देव सबसे मजबूत जीवित देवता है| यह लोगो सफलता पऔर अच्छा स्वास्थ्य भी प्रदान करते है|
मंगल – मंगल ग्रह वीरता और सफलता की वर्षा करता है|
चंद्र – चंद्र ग्रह मन की भांति कार्य करता है तथा धन लाता है
बुध – यह ग्रह बुद्धि और धन प्रदान करता है|
गुरु – बृहस्पति ग्रह शिक्षा, समझ और अच्छे स्वास्थ्य के लिए जाने जाते है|
शुक्र – यह ग्रह लम्बी उम्र और कला में कुशलता प्रदान करता है|
शनि – शनि ग्रह को सुख देने वाला बताया गया है|
राहु – चन्द्रमा का आरोही बिंदु जो जीवन का पोषण करता है|
केतु – यह चंद्रमा का अवरोही बिंदु है जो नकारात्मक प्रभावों को बेअसर करता है और सफलता प्रदान करता है|
नवग्रह शांति पूजा की लागत पूजा में शामिल पंडितों की संख्या पर निर्भर करती है। लोग नौ ग्रहों की सही विधि से नवग्रह शांति पूजा कराते हैं। मंत्रोच्चार के आधार पर पंडित यह पूजा कराते हैं। हालांकि, लागत INR 3000/- – INR 5000/- के बीच ही अलग – अलग होती है।
पुजारियों की संख्या: 4; 11000 जप; अवधि: 1 दिन – INR – 9500
पुजारियों की संख्या: 9; 21000 जप; अवधि: 1 दिन – INR – 18000
इस पूजा को किसी अनुभवी पंडित जी के द्वारा करवाने पर व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार के नकारात्मक प्रभाव और ग्रह सम्बंधित दोष दूर हो जाएँगे| यह पूजा व्यक्ति के सभी नकारात्मक प्रभावों को कम करके, सकारात्मक प्रभावों को बढ़ा देता है|
नवग्रह शांति पूजा सौर मंडल के नौ ग्रहों की पूजा करने के लिए की जाती है। इस पूजा का एकमात्र उद्देश्य व्यक्ति की आवश्यकताओं की पूर्ति करना है। यह अक्सर उसी पर निर्भर करता है। अनुभवी ज्योतिष और मार्गदर्शन जन्म कुंडली देखकर उसका आकलन करते हैं। यदि जातकों के जीवन में कोई कठिनाई है तो उन्हें जल्द से जल्द अपने घर पर नवग्रह शांति पूजा का समाधान करने की आवश्यकता होती है।
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जिंदगी में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब हम फंस जाते हैं। जीवन में ये जोखिम भरा समय अक्सर हमारी कुंडली में दर्शाया जाता है। इन नवग्रहों की चाल और मुद्राओं का हमारे जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार,इनमें से प्रत्येक नवग्रह हमारे जीवन के एक अलग घटक का प्रतिनिधित्व करता है,परिणामस्वरूप ग्रहों की चाल का उस पहलू पर प्रभाव पड़ेगा।
यदि आप एक अनुभवी वैदिक पंडित की तलाश में हैं तो आप सही जगह पर हैं। 99Pandit वह समाधान है जहां आप पंडित से अपने जीवन की बाधाओं को दूर करवा सकते हैं। 99Pandit की सेवा अपनी परेशानी मुक्त सेवाओं के साथ इन सभी चीजों का अनुभव करती है। 99Pandit अपनी सबसे आसान प्रक्रिया के साथ अनुभवी और पेशेवर पीड़ितों से मिलने में मदद करता है। 99Pandit के पेशेवरों के साथ,आपकी नवग्रह शांति पूजा आसानी से की जा सकती है।
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Q.नवग्रह शांति की पूजा कब से प्रारंभ करनी चाहिए ?
A.नवरात्रि के प्रथम दिन यानी प्रतिपदा तिथि के साथ ही शुरू कर दी जाती है और 9 दिनों तक 9 ग्रहों की पूजा की जाती है|
Q.नवग्रह शांति पूजा का मंत्र कोनसा है ?
A.मंत्र – “ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नमः”
Q.नवग्रह के स्वामी कौन है ?
A.नवग्रह के स्वामी के रूप में सूर्य देव को जाना जाता है|
Q.सबसे शक्तिशाली ग्रह किसे बताया गया ?
A.सबसे शक्तिशाली शनि ग्रह को बताया गया है|
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