Jeev Ashtakam Lyrics in Hindi: जीव अष्टकम हिंदी अर्थ सहित
हरे कृष्ण ! जीव अष्टकम आठ संस्कृत छंदों (अष्ट = आठ, काम = छंद) का एक सेट है, जिसे अक्सर…
हिंदू धर्म में मान्यता है कि जिस स्थान पर भगवान श्री राम की पूजा की जाती है, उस स्थान पर रामायण जी की आरती (Ramayan Ji Ki Aarti) करने से भगवान श्री राम एवं माता सीता के साथ – साथ भगवान हनुमान जी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है|
महर्षि वाल्मीकि जी के द्वारा रचित रामायण एवं रामचरितमानस का जाप करने से पूर्ण रामायण जी की पूजा व आरती का जाप करना अनिवार्य होता है| कहा जाता है कि रामायण जी की आरती करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है एवं हृदय को शांति भी मिलती है तो आइये जाप करते है इस रामायण जी की आरती का हिंदी में|
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|| रामायण जी की आरती ||
आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिय पी की ॥
गावत ब्रहमादिक मुनि नारद ।
बाल्मीकि बिग्यान बिसारद ॥
शुक सनकादिक शेष अरु शारद ।
बरनि पवनसुत कीरति नीकी ॥
॥ आरती श्री रामायण जी की..॥
गावत बेद पुरान अष्टदस ।
छओं शास्त्र सब ग्रंथन को रस ॥
मुनि जन धन संतान को सरबस ।
सार अंश सम्मत सब ही की ॥
॥ आरती श्री रामायण जी की..॥
गावत संतत शंभु भवानी ।
अरु घटसंभव मुनि बिग्यानी ॥
ब्यास आदि कबिबर्ज बखानी ।
कागभुशुंडि गरुड़ के ही की ॥
॥ आरती श्री रामायण जी की..॥
कलिमल हरनि बिषय रस फीकी ।
सुभग सिंगार मुक्ति जुबती की ॥
दलनि रोग भव मूरि अमी की ।
तात मातु सब बिधि तुलसी की ॥
आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिय पी की ॥
|| Ramayan Ji Ki Aarti ||
Aarti Shri Ramayan Ji Ki ।
Keerti kalit lalit Sia Pi ki ।।
Gaavat Brahmadik muni Narad ।
Valmiki vigyaan bisarad ।।
Shuk Sanakadik Shesh aru Sharad ।
Barani Pavansut keerti neeki ।।
Aarti Shri Ramayan Ji ki…।।
Gaavat Ved Puran Ashtadas ।
Chhao Shastra sab granthon ko ras ।।
Muni jan dhan santan ko sarbas ।
Saar ansh sammat sab hi ki ।।
Aarti Shri Ramayan Ji ki…।।
Gaavat santat Shambhu Bhavani ।
Aru Ghatsambhav muni vigyaani ।।
Vyas adi kabivarj bakhaani ।
Kagbhushundi Garud ke hi ki ।।
Aarti Shri Ramayan Ji ki…।।
Kalimal harani vishay ras feeki ।
Subhag singar mukti jubati ki ।।
Dalani rog bhav moori ami ki ।
Taat maat sab vidhi Tulsi ki ।।
Aarti Shri Ramayan Ji ki ।
Keerti kalit lalit Sia Pi ki ।।
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