Purnabrahma Stotram in Sanskrit: पूर्णब्रह्म स्तोत्रम् अर्थ सहित
पूर्णब्रह्म स्तोत्रम् भगवान जगन्नाथ अर्थार्थ जग के नाथ को समर्पित एक मधुर और सुंदर भजन है। भगवान जगन्नाथ, जो पूर्णब्रह्म…
Bajrang Baan Path: हिन्दू धर्म मे सप्ताहों के सातो दिनों को ग्रहों के हिसाब से रखा गया है | ज्योतिषियों का कहना है कि सप्ताह के सातो दिन अलग – अलग भगवान को समर्पित है | यदि इन दिनों के हिसाब के भगवानो की पूजा की जाए तो आपको उनके आशीर्वाद के साथ ही उनकी असीम कृपा भी प्राप्त होगी | हिन्दू धर्म के सबसे बलशाली के नाम से प्रसिद्ध भगवान हनुमान जी है | आज हम हनुमान जी के सबसे शक्तिशाली पाठ के बारे में यानी बजरंग बाण पाठ के बारे में बात करेंगे |
हनुमान जी की पूजा के लिए जो दिन निश्चित किया गया है वो मंगलवार रखा गया है और मान्यता यह है कि जो भी भक्त इस दिन हनुमान जी के मंदिर जाता है और हनुमान चालीसा का पाठ करता है | उनपर हनुमान जी की विशेष कृपा होती है|
इस पाठ को मंगलवार या शनिवार के दिन करना काफी शुभ माना जाता है | जिस भी व्यक्ति के जीवन में संकट हो और वह उससे बाहर नहीं निकल पा रहा हो तो उसे बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए |
हिन्दू धर्म में बजरंग बाण का बहुत महत्व है | इस पाठ को करने से हनुमान जी अपने भक्तों को सारी परेशानियों और कष्टों से मुक्त करते है | बजरंग बाण का पाठ आपके अंदर के भय को समाप्त कर देता है | हनुमानजी का आशीर्वाद पाने के लिए बजरंग बाण के साथ ही हनुमान चालीसा का भी पाठ करे | आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएँगे कि यह पाठ कब और कैसे करना चाहिए |
श्री रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी है | उन्होंने रामचरितमानस को लिखने से पहले हनुमान चालीसा की रचना की थी जब अकबर ने इन्हें कारावास में बंद कर दिया था | तब कारावास में ही उन्होंने हनुमान चालीसा की रचना की थी | कहते है कि गोस्वामी तुलसीदास ने ही बजरंग बाण की भी रचना की थी |
ऐसा कहा जाता है कि जब तुलसीदास काशी में थे | तब उनपर किसी तांत्रिक के द्वारा मारण मंत्र का उपयोग किया गया था जिससे उनके शरीर पर फोड़े निकल आये थे | तब उन्होंने बजरंग बाण का पाठ किया और हनुमान जी से सहायता के लिए प्रार्थना की |
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कहा जाता है कि बजरंग बाण का पाठ करने के कुछ क्षण पश्चात ही तुलसीदास जी के शरीर पर से सभी फोड़े गायब हो गए थे | तब से माना जाता है कि बजरंग बाण का पाठ शत्रुओ पर काफी ज्यादा असरदार है और अचूक वार करता है |
|| दोहा ||
निश्चय प्रेम प्रतीति ते,
बिनय करें सनमान |
तेहि के कारक सकल शुभ,
सिद्ध करें हनुमान ||
|| चौपाई ||
जय हनुमंत संत हितकारी |
सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ||
जन के काज बिलंब न कीजै |
आतुर दौरि महा सुख दीजे ||
जैसे कूदि सिंधु महिपारा |
सुरसा बदन पैठि बिस्तारा ||
आगे जाय लंकिनी रोका |
मारेहु लात गई सुरलोका ||
जाय बिभीषन को सुख दीन्हा |
सीता निरखि परमपद लीन्हा ||
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा |
अति आतुर जमकातर तौरा ||
अक्षय कुमार मारि संहारा |
लूम लपेटी लंक को जारा ||
लाह समान लंक जरि गई |
जय जय धुनि सुरपुर नभ भई ||
अब बिलंब केहि कारन स्वामी |
कृपा करहु उर अन्तरयामी ||
जय जय लखन प्रान के दाता |
आतुर ह्वै दुःख करहु निपाता ||
जै हनुमान जयति बल – सागर |
सुर – समूह – समरथ भट – नागर ||
ॐ हनुं हनुं हनुं हनुमंत हठीले |
बैरिही मारू ब्रज की कीले ||
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीशा |
ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीशा ||
जय अंजनि कुमार बलवंता |
शंकर स्वयं बीर हनुमंता ||
बदन कराल काल – कुल – घालक |
राम सहाय सदा प्रतिपालक ||
भुत, प्रेत, पिशाच निशाचर |
अगिन बेताल काल मारी मर ||
इन्हें मारू, तोहि सपथ राम की |
राखु नाथ मरजाद नाम की |
सत्य होहु हरि सपथ पाई कै |
राम दूत धरु धाई कै ||
जय जय जय हनुमंत अगाधा |
दुःख पावत जन केहि अपराधा ||
पूजा जप तप नेम अचारा |
नहिं जानत कछु दास तुम्हारा ||
बन उपबन मग गिरि गृह माहीं |
तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं ||
जनकसुता हरि दास कहावौ |
ताकी सपथ बिलंब न लावौ ||
जै जै जै धुनि होत अकासा |
सुमिरत होय दुसह दुःख नासा ||
चरन पकरि, कर जोरि मानवौ |
यहि औसर अब केहि गोहरावौ ||
उठु, उठु,,चलु तोहि राम दुहाई |
पायँ परों, कर जोरि मनाई ||
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता |
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ||
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता |
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ||
ॐ हं हं हॉंक देत कपि चंचल |
ॐ सं सं सहमि पराने खल – दल ||
अपने जन को तुरत उबारौ |
सुमिरत होय आनंद हमारौ ||
यह बजरंग बाण जेहि मारै |
ताहि कहौ फिरि कवन उबारै ||
पाठ करै बजरंग – बाण की
हनुमत रक्षा करै प्रान की ||
यह बजरंग बाण जो जापैं |
तासों भूत – प्रेत सब काँपैं ||
धूप देय जो जपैं हमेसा |
ताकें मन नहीं रहै कलेसा ||
|| दोहा ||
उर प्रतीति दृढ़ सरन ह्वै
पाठ करै धरि ध्यान |
बाधा सब हर,
करै सब काम सफल हनुमान ||
बजरंग बाण का पाठ करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के कार्यों के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कीजिये | मंगलवार का दिन शिव जी के रूद्र अवतार हनुमान जी को समर्पित किया गया है जो कि भगवान श्री राम के परम भक्त है |
सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद सूर्य भगवान को जल अर्पित करें तथा भगवान हनुमान जी की पूजा करें | पूजा के बाद में हनुमान जी को लाल फुल, अक्षत, मिठाई, फल और चंदन अर्पित करते है | फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें |
यदि आप मंगलवार के दिन पूरी श्रद्धा के साथ बजरंग बाण का पाठ करते है तो आपको हनुमान जी का आशीर्वाद मिलता है और आपके सभी संकट दूर होते जाएंगे |
हिन्दू धर्म में मंगलवार और शनिवार दो दिन हनुमान जी को समर्पित है | इनकी पूजा करने के लिए किसी भी नियम की आवश्यकता नहीं है | जब भी आप हनुमान जी के मंदिर जाए तो हनुमान जी को लाल कपड़ा अवश्य चढ़ाए | इससे आपको काफी लाभ मिलेगा |
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विवाह में किसी भी तरह की कठिनाइयाँ आ रही हो तो कदली के पेड़ के नीचे बैठकर बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए | इससे हनुमान जी का आशीर्वाद मिलेगा और जीवन संतुष्ट होगा |
आपकी कुंडली ने किसी तरह का ग्रह या दोष हो तो सुबह जल्दी उठकर बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए और आटे से बनी चीजों को जलाना चाइये | इससे आपकी कुंडली के सारे दोष ख़त्म हो जाएँगे|
यदि आप किसी भी गंभीर बीमारी से परेशान है तो आपको राहुकाल में 21 पान के पत्तो की माला हनुमान जी को चढ़ानी चाहिए और बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए |
यदि आपको आपके कार्यक्षेत्र में किसी भी तरह की परेशानी आ रही है तो मंगलवार का व्रत करके हनुमान जी की पूजा करने के बाद बजरंग बाण का पाठ करे और लाल रंग के कपड़े में नारियल श्री हनुमान जी को चढ़ाए |
बजरंग बाण पाठ भगवान हनुमान जी की एक बहुत ही शक्तिशाली प्रार्थना है जिसकी मदद से हम हनुमान जी से हमारी सभी मुश्किलो को दूर करने के लिए प्रार्थना करते है और हमें सभी कठिनाईयो से बचाने के लिए भगवान से प्रार्थना करते है ।
इस मंत्र को प्रभावी बनाने के लिए, इसे करने वाले व्यक्ति को भगवान राम , जो हनुमान जी के गुरु हैं, में भी विश्वास होना अवश्य जरुरी है । यदि आप भगवान राम पर विश्वास नहीं करते हैं, तो हनुमान जी आपकी सहायता नहीं कर पाएंगे।
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यह जप उस व्यक्ति को करना चाहिए जो किसी समस्या, बीमारी या अलौकिक समस्या से पीड़ित है। कलियुग में हनुमान जी ही सबसे प्रसिद्ध, कुशल और शीघ्र फल देने वाले हैं। हनुमान जी की पूजा करते समय दिशानिर्देशों का पालन करना और संयम रखना काफी महत्वपूर्ण है।
आपको स्वयं पर नियंत्रण रखना चाहिए क्योंकि यदि आप नियम तोड़ेंगे तो हनुमान आपको दंड देंगे, इसलिए जब आप हनुमान जी की पूजा करें तो सावधान रहें। हनुमान जी कई प्रकार से संकट दूर करते हैं।बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए बजरंग बाण का पाठ करें।
बजरंग बाण पाठ हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, खासकर जब इसका पाठ मंगलवार या शनिवार को किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी इस शक्तिशाली पाठ को करने से आपके जीवन के सभी दुःख और पीड़ा समाप्त हो जाएंगी और आपकी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।
परोपकारी देवता भगवान हनुमान अपने भक्तों के जीवन से बाधाओं और चिंताओं को दूर करने के लिए जाने जाते हैं। आज के इस लेख में बजरंग बाण पाठ का पालन करते समय भगवान राम में विश्वास के महत्व और वांछित लाभ प्राप्त करने के लिए सच्ची भक्ति की आवश्यकता पर जोर दिया गया है| वास्तविकता में बजरंग बाण पाठ भगवान हनुमान का आशीर्वाद और सुरक्षा पाने का एक शक्तिशाली साधन है, जिन्हें शक्ति और सांत्वना का स्रोत माना जाता है।
इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है। तो आप हमारी वेबसाइट पर जाकर सभी तरह की पूजा या त्योहारों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है।
इसके अलावा अगर आप ऑनलाइन किसी भी पूजा जैसे सुंदरकांड, अखंड रामायण, गृहप्रवेश और विवाह के लिए भी आप हमारी वेबसाइट 99पंडित की सहायता से ऑनलाइन पंडित बहुत आसानी से बुक कर सकते है।
आप हमे कॉल करके भी पंडित जी को किसी की कार्य के बुक कर सकते है जो कि वेबसाइट पर दिए गए है फिर चाहे आप किसी भी राज्य से हो। हम आपको आपकी भाषा वाले ही पंडित जी से ही जोड़ेंगे |
Q.बजरंग बाण पाठ का पाठ क्यों करें?
A.बजरंग बाण पाठ भगवान हनुमान जी से जुड़ने के लिए एक बहुत ही शक्तिशाली पाठ है जो उनसे जीवन में सभी बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करता है और हमें किसी भी नुकसान से बचाने के लिए कहता है। इस मंत्र को प्रभावी बनाने के लिए इसे करने वाले व्यक्ति को भगवान राम, जो कि हनुमान जी के गुरु हैं, में भी विश्वास होना चाहिए।
Q.बजरंग बाण पाठ कैसे करें?
A.सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं और हनुमान जी की पूजा करें। बाद में भगवान को लाल फूल, अक्षत, गंध, मिठाई, फल और चंदन आदि चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का जाप करें।
Q.बजरंग बाण का निर्माण कैसे हुआ?
A.श्री रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी है | उन्होंने रामचरित मानस को लिखने से हनुमान चालीसा की रचना की थी जब अकबर ने उन्हें कारावास में बंद कर दिया था | तब कारावास में ही उन्होने हनुमान चालीसा की रचना की थी | कहते है कि गोस्वामी तुलसीदास ने ही बजरंग बाण की भी रचना की थी|
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