Maha Mrityunjaya Jaap Puja Samagri: महामृत्युंजय जाप पूजन सामग्री
महामृत्युंजय जाप पूजन सामग्री: भारतीय संस्कृति में पूजा और जाप प्राचीनकाल से ही एक महत्वपूर्ण प्रथा रही है। जाप एक…
हिन्दू धर्म के अनुसार माना जाए तो मनुष्य की कुंडली में कुल 27 नक्षत्र होते है| प्रत्येक नक्षत्र की अपनी अलग विशेषता होती है| इन्ही में से कुछ नक्षत्रों पर राहु-केतु का शासन होता है| इसलिए इस गंड मूल नक्षत्र पूजा के नाम से भी जाना जाता है| गंड मूल नक्षत्र से होने वाले दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए इस पूजा को किया जाता है| गंड मूल नक्षत्र इन 27 नक्षत्रों जैसे अश्विनी, मघा, ज्येष्ठा, मूल एवं रेवती में से ही एक है| यदि किसी जातक का जन्म बताएं गए नक्षत्रों में से किसी नक्षत्र में हुआ है तो उस व्यक्ति के मूल दोष माना जाता है|
इस गंड मूल नक्षत्र की पूजा करने के लिए गंड मूल नक्षत्र पूजन सामग्री के बारे ज्ञान होना बहुत ही आवश्यक है| ऐसा इसलिए क्योंकि गंड मूल नक्षत्र सामग्री पूजन सामग्री अपना एक महत्वपूर्ण अहोभाव प्रकट करती है| गंड मूल नक्षत्र शांति पूजा एक वैदिक पंडित जी के द्वारा की जाती है| 99Pandit आपको एक अनुभवी वैदिक पंडित जी पाने के लिए आपकी सहायता करता है| वेदों तथा कई सारे हिन्दू शोधों में यह बताया गया है कि पूर्ण गंड मूल नक्षत्र पूजन सामग्री के साथ इस पूजा को करने पर यह हमारे जीवन के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद सिद्ध होती है|
अगर आपको 99पंडित के माध्यम से रुद्राभिषेक पूजन के आयोजन हेतु पंडित बुक करना है तो आपको 99पंडित की अधिकारित वेबसाइट पर जाकर “Book a Pandit” बटन पर क्लिक करना होगा | इसके बाद अपना सामान्य विवरण जैसे नाम, जीमेल , फ़ोन नंबर ,निवास स्थान, करवायी जाने वाली पूजा का चयन कर आपको पंडित “सबमिट” बटन क्लिक करना होगा | यह प्रक्रिया बहुत आसान है | आप पूजा की जानकारी हमारे साथ Whatsapp के माध्यम से भी शेयर कर सकते है|
सामग्री |
मात्रा |
रोली |
1 पैकेट |
कलावा (मौली) |
5 टुकड़े |
सिंदूर |
1 पैकेट |
लौंग |
1 पैकेट |
इलायची |
1 पैकेट |
सुपारी |
21 नग |
गरिगोला |
6 नग |
शहद |
1 शीशी |
इत्र |
1 शीशी |
गंगाजल |
1 शीशी |
गुलाब जल |
1 शीशी |
अबीर गुलाल |
1 पैकेट |
हल्दी |
1 पैकेट |
लाल कपड़ा |
2 मीटर |
पीला कपड़ा |
3 मीटर |
मिट्टी का कलश |
5 नग |
सकोरा |
10 नग |
दियाळी |
20 नग |
धूपबत्ती |
2 पैकेट |
रुई बत्ती |
1 पैकेट |
कपूर |
100 ग्राम |
देशी घृत |
500 ग्राम |
जनेऊ |
11 नग |
पीली सरसों |
50 ग्राम |
पंचमेवा |
100 ग्राम |
सप्तमृतिका |
1 पैकेट |
सप्तधान्य |
1 पैकेट |
पंचरत्न |
1 पैकेट |
सर्वोषधि |
1 पैकेट |
दोना |
1 पैकेट |
माचिस |
1 नग |
चावल |
7 किलो |
अष्टगंध |
1 पैकेट |
रंग – लाल, पीला, हरा, काला |
2 + 2 पुड़िया |
हनुमान जी वाला झंडा |
1 नग |
मूल एवं मूलनियाँ |
1 सेट |
सताइस वृक्षों के पत्ते |
2 + 2 पत्तियां |
सताइस नक्षत्र हवन समिधा |
1 पैकेट |
सताइस कुँए का जल |
1 शीशी |
सताइस किलो अनाज |
कोई भी |
सताइस कुल्हड़ या गिलास |
– |
सताइस छिद्रों वाला कलश |
1 नग |
सताइस प्रकार की औषधियां |
– |
कम्बल व चादर |
1 नग |
गाय चाँदी में लाये अथवा गौ दान करें |
– |
ब्रह्म पूर्ण पात्र में पांच किलो का भगोना |
– |
कटोरा छाया दान हेतु |
1 नग |
नवग्रह समिधा |
1 पैकेट |
हवन सामग्री |
500 ग्राम |
आम की समिधा |
3 किलो |
हवन कुंड की व्यवस्था |
– |
लकड़ी की चौकी |
5 नग |
लकड़ी के पीढ़े |
4 नग |
आम का पल्लव |
5 नग |
फूल माला लड़ी |
7 मीटर |
खुले फूल |
500 ग्राम |
फल व मिठाई |
आवश्यकतानुसार |
पान के पत्ते |
11 नग |
दूध एवं दही पंचामृत हेतु आवश्यकतानुसार |
– |
पानी वाला नारियल |
2 नग |
माना जाता है जिस व्यक्ति की कुंडली में मूल दोष पाया जाता है| वही गंड मूल नक्षत्र शांति पूजा करवाता है| यह पूजा जीवन में केवल एक ही बार की जाती है| जब आप गंड मूल नक्षत्र शांति पूजा के लिए 99Pandit द्वारा किसी पंडित जी को बुक करते है तो हमारी टीम आपसे बात करके आपके लिए गंड मूल नक्षत्र पूजा के लिए शुभ दिन व शुभ मुहूर्त की गणना करके आपको अनुभवी पंडित प्रदान करता है| आपको गंड मूल नक्षत्र पूजन सामग्री के साथ गंड मूल नक्षत्र पूजा की विधि को जानना भी बहुत आवश्यक है| तो आइये जानते है क्या है गंड मूल नक्षत्र पूजन की विधि –
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार मानसिक स्थिति को ठीक करने तथा अपने अच्छे कर्मों को बढ़ाने के लिए नक्षत्र को शांत करना बहुत आवश्यक है| इसी वजह से गंड मूल नक्षत्र शांति पूजा की जाती है| गंड मूल नक्षत्र पूजा जातक के जीवन से सभी बुरे प्रभावों व नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर देती है| इस गंड मूल नक्षत्र पूजा को करने लाभ निम्न है –
गंड मूल नक्षत्र शांति पूजा जातक की कुंडली में मूल दोष को दूर करने के लिए की जाती है| इस लेख के माध्यम से हमने आपको गंड मूल नक्षत्र पूजन सामग्री के बारे उचित जानकारी प्रदान करने की कोशिश की है| 99Pandit की सहायता से आप गंड मूल नक्षत्र पूजा के लिए पंडितजी बुक कर सकते है| इसके द्वारा के द्वारा आप अपनी सुविधा अनुसार किसी भी पूजा के लिए ऑनलाइन पंडितजी को बुक कर सकते है| 99Pandit आपकी पूजा के अनुसार ही शुभ मुहूर्त व तिथि के अनुसार अनुभवी पंडितजी से आपको जोड़ता है|
इसी के साथ आप किसी भी वैदिक अनुष्ठान हेतु सामग्री की व्यवस्था हेतु 99Pandit की अधिकारित प्लेटफार्म पर दी गयी जानकारी के अनुसार कर सकते हो | इसके अतिरिक्त रुद्राभिषेक पूजन सामग्री, अखंड रामायण पाठ, सुंदरकांड पूजन सामग्री, की जानकारी व इनके आयोजन हेतु ऑनलाइन पंडित बुक कर सकते है |
Q.गंड मूल नक्षत्र पूजा के पश्चात क्या किया जाता है?
A.पूजा समाप्त होने के बाद 27 ब्राह्मणों को प्रसाद दिया जाता है| इसके अलावा ब्राह्मणों को घी, वस्त्र व दक्षिणा के साथ-साथ गायों को भोजन भी दे|
Q.मूल नक्षत्र का प्रभाव कब तक रहता है?
A.इसका प्रभाव 8 वर्ष तक ही माना जाता है| 8 वर्ष के पश्चात इसका कोई खास प्रभाव नहीं रहता है|
Q.गंड मूल नक्षत्र पूजा कब करनी चाहिए?
A.धार्मिक ग्रंथों की मान्यताओं के अनुसार गंड मूल नक्षत्र पूजा शिशु के जन्म के 27वे दिन तक हो जानी चाहिए|
Q.गंड मूल पूजा कब करनी चाहिए?
A.इस पूजा के द्वारा सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए गंड मूल नक्षत्र पूजा को उचित तिथि व शुभ मुहूर्त के दिन करना चाहिए|
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