Karagre Vasate Lakshmi Sloka: Morning Mantra Meaning
Karagre Vasate Lakshmi Sloka: Morning is seen as the most holy and lucky time of our life. It is believed…
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Hum Katha Sunate Bhajan Lyrics in Hindi: “हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की” एक बहुत ही मधुर और प्रसिद्ध भजन है, जो भगवान श्रीराम के गुणों की स्तुति सुनाता हैं। इसे सुनते ही मन में भक्ति और शांति का भाव महसूस होता हैं।
इस भजन के शब्द इतने सरल हैं कि छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुज़ुर्ग भी इसे गाना और सुनना पसंद करते हैं। इस भजन में भगवान राम के जीवन की झलक दिखाई देती है।
कैसे उन्होंने धर्म, सच्चाई और प्रेम के रास्ते पर चलकर लोगों को प्रेरित किया यह भाव हर पंक्ति में महसूस होता है। Hum Katha Sunate Bhajan Lyrics in Hindi के माध्यम से भक्त रामायण की कथा को भक्ति रूप में अनुभव करते हैं।
यह भजन हमें यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति सिर्फ़ पूजा करने में नहीं, बल्कि श्रीराम जैसे गुण अपनाने में है। जब भी यह भजन मंदिरों या घरों में गाया जाता है, वहां का वातावरण भक्ति, शांति और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।
(दोहा – ॐ श्री महागणाधिपतये नमः,
ॐ श्री उमामहेश्वराभ्याय नमः,
वाल्मीकि गुरुदेव के,
पद पंकज सिर नाय,
सुमिरे मात सरस्वती,
हम पर होऊ सहाय,
मात पिता की वंदना,
करते बारम्बार,
गुरुजन राजा प्रजाजन,
नमन करो स्वीकार)
हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्रीराम की,
हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्रीराम की…
जम्बुद्वीपे, भरत खंडे, आर्यावरते भारतवर्षे,
एक नगरी है विख्यात अयोध्या नाम की,
यही जन्म भूमि है परम पूज्य श्रीराम की,
हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्रीराम की…
रघुकुल के राजा धर्मात्मा,
चक्रवर्ती दशरथ पुण्यात्मा,
संतति हेतु यज्ञ करवाया,
धर्म यज्ञ का शुभफल पाया,
नृप घर जन्मे चार कुमारा,
रघुकुल दीप जगत आधारा,
चारों भ्रातो के शुभ नामा,
भरत, शत्रुघ्न, लक्ष्मण, रामा…
गुरु वशिष्ठ के गुरुकुल जाके,
अल्प काल विद्या सब पाके,
पूरण हुई शिक्षा, रघुवर पूरण काम की,
हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्रीराम की…
मृदु स्वर कोमल भावना,
रोचक प्रस्तुति ढंग,
एक एक कर वर्णन करे,
लव कुश राम प्रसंग,
विश्वामित्र महामुनि राई,
इनके संग चले दोउ भाई,
कैसे राम ताड़का मारी,
कैसे नाथ अहिल्या तारी…
मुनिवर विश्वामित्र तब,
संग ले लक्ष्मण राम,
सिया स्वयंवर देखने,
पहुचे मिथिला धाम…
जनकपुर उत्सव है भारी,
जनकपुर उत्सव है भारी,
अपने वर का चयन करेगी,
सीता सुकुमारी,
जनकपुर उत्सव है भारी…
जनकराज का कठिन प्रण,
सुनो सुनो सब कोई,
जो तोड़े शिव धनुष को,
सो सीता पति होई…
को तोडे शिव धनुष कठोर,
सब की दृष्टि राम की ओर,
राम विनयगुण के अवतार,
गुरुवर की आज्ञा सिरधार…
सहज भाव से शिव धनु तोड़ा,
जनक सुता संग नाता जोड़ा…
रघुवर जैसा और ना कोई,
सीता की समता नहीं होई,
जो करे पराजित कान्ति कोटी रति काम की,
हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा सिया राम की…..
सब पर शब्द मोहिनी डारी,
मंत्रमुग्ध भए सब नर-नारी,
यों दिन रैन जात है बीते,
लव कुश ने सब के मन जीते,
वन गमन, सीता हरन, हनुमंत मिलन,
लंका दहन, रावण मरण, अयोध्या पुनरागमन…
सविस्तार सब कथा सुनाई,
राजा राम भए रघुराई,
राम राज आयो सुख दायी,
सुख समृद्धि श्री घर घर आई…
काल चक्र ने घटना क्रम में,
ऐसा चक्र चलाया,
राम सिया के जीवन में फिर,
घोर अंधेरा छाया….
अवध में ऐसा, ऐसा इक दिन आया,
निष्कलंक सीता पे प्रजा ने,
मिथ्या दोष लगाया,
अवध में ऐसा, ऐसा इक दिन आया…..
चल दी सिया जब तोड़ कर,
सब नेह-नाते मोह के,
पाषाण हृदयो में ना,
अंगारे जगे विद्रोह के….
ममतामयी माँओ के आँचल, भी सिमट कर रह गए,
गुरुदेव ज्ञान और नीति के, सागर भी घट कर रह गए…
ना रघुकुल ना रघुकुल नायक,
कोई ना सिया का हुआ सहायक,
मानवता को खो बैठे जब,
सभ्य नगर के वासी,
तब सीता को हुआ सहायक,
वन का ऐक सन्यासी…
उन ऋषि परम उदार का,
वाल्मीकि शुभ नाम,
सीता को आश्रय दिया,
ले आए निज धाम…
रघुकुल में कुलदीप जलाए,
राम के दो सूत सिय ने जाए…
(श्रोता गण, जो एक राजा की पुत्री है,
एक राजा की पुत्रवधू हैं,
और एक चक्रवर्ती राजा की पत्नी है,
वही महारानी सीता,
वनवास के दुखो में,
अपने दिन कैसे काटती हैं,
अपने कुल के गौरव और,
स्वाभिमान की रक्षा करते हुए,
किसी से सहायता मांगे बिना,
कैसे अपने काम वो स्वयं करती है,
स्वयं वन से लकड़ी काटती है,
स्वयं अपना धान कूटती है,
स्वयं अपनी चक्की पीसती हैं,
और अपनी संतान को,
स्वावलंबी बनने की शिक्षा कैसे देती है,
अब उसकी करुण झांकी देखिये)
जनक दुलारी कुलवधु दशरथ जी की,
राज-रानी होके दिन वन में बिताती हैं…
रहते थे घेरे जिसे दास-दासी आठो याम,
दासी बनी अपनी उदासी को छुपाती है…
धरम प्रवीन सती परम कुलिन सब,
विधि दोशहीन जीना दुख में सिखाती हैं,
जगमाता हरी-प्रिय लक्ष्मी स्वरूपा सिया,
कूटती है धान भोज स्वयं बनाती है…
कठिन कुल्हाड़ी लेके लकड़िया काटती है,
करम लिखे को पर काट नहीं पाती है…
फूल भी उठाना भारी जिस सुकुमारी को था,
दुख भरे जीवन का बोज वो उठाती है…
अर्धागिनी रघुवीर की वो धरधीर,
भर्ती है नीर, नीर नैन में ना लाती है,
जिसकी प्रजा के अपवादों कुचक्र में वो,
पीसती है चक्की स्वाभिमान बचाती है,
पालती है बच्चो कों वो कर्म योगिनी की भांति,
स्वाभिमानी स्वावलंबी सफल बनाती हैं,
ऐसी सीता माता की परीक्षा लेते दुख देते,
निठुर नियति को दया भी नहीं आती है….
ओ… उस दुखिया के राज-दुलारे,
हम ही सूत श्रीराम तिहारे…
ओ… सीता माँ की आँख के तारे,
लव-कुश है पितु नाम हमारे…
हे पितु भाग्य हमारे जागे,
राम कथा कही राम के आगे
(DOHA – OM SHREE MAHAGANAADHIPATYE NAMAH,
OM SHREE UMAMAHESHWARAAY NAMAH,
VALMIKI GURUDEV KE,
PAD PANKAJ SIR NAAY,
SUMIRE MAAT SARASWATI,
HUM PAR HOU SAHAAY,
MAAT PITA KI VANDANA,
KARTE BAARAMBAAR,
GURUJAN RAJA PRAJAJAN,
NAMAN KARO SWEEKAR)
HUM KATHA SUNATE RAM SAKAL GUN DHAAM KI,
HUM KATHA SUNAATE RAM SAKAL GUN DHAAM KI,
YE RAMAYAN HAI PUNY KATHA SHREE KI…
JAMBDWEEPE, BHARAT KHANDE, AARYAVARTE BHARATVARSHE,
EK NAGRI HAI VIKHYAT AYODHYA NAAM KI,
YAHI JANBHUMI HAI PARAM PUJYA SHREE RAM KI
HUM KATHA SUNATE RAM SAKAL GUN DHAAM KI
YE RAMAYAN HAI PUNY KATHA SHREE RAM KI…
YE RAMAYAN HAI PUNY KATHA SHREE RAM KI…
RAGHUKUL KE RAJA DHARMAATMA,
CHAKRAVARTI DASHRATH PUNYAATMA,
SANTATI HETU YAGYA KARWAYA,
DHARM YAGYA KA SHUBHFAL MAAYA,
NRIP GHAR JANME CHAAR KUMARA,
RAGHUKUL DEEP JAGAT AADHARA,
CHAARON BHRAATO KE SHUBH NAAMA,
BHARAT, SHATRUGHAN, LAKSHMAN, RAMA…
GURU VASHISHT KE GURUKUL JAAKE,
ALP KAAL VIDYA SAB PAAKE,
PURAN HUI SHIKSHA, RAGHUVAR PURAN KAAM KI,
HUM KATHA SUNAATE RAM SAKAL GUN DHAAM KI,
YE RAMAYAN HAI PUNY KATHA SHREE RAM KI…
MRIDU SWAR KOMAL BHAAVNA,
ROCHAK PRASTUTI DHANG,
EK EK KAR VARNAN KARE,
LUV KUSH RAM PRASANG,
VISHWAMITRA MAHAMUNI RAAI,
INKE SANG CHALE DOU BHAI,
KAISE RAM TADKA MAARI,
KAISE NAATH AHILYA TAARI…
MUNIVAR VISHWAMITRA TAB,
SANG LE LAKSHMAN RAM,
SIYA SWAYAMVAR DEKHNE,
PAHUNCHE MITHILA DHAAM…
JANAKPUR UTSAV HAI BHAAR,
JANAKPUR UTSAV HAI BHAARI,
APNE VAR KA CHAYAN KAREGI,
SEETA SUKUMARI,
JANKAPUR UTSAV HAI BHAARI…
JANAKRAJ KA KATHIN PRAN,
SUNO SUNO SAB KOI,
JO TODE SHIV DHANUSH KO,
SO SEETA PATI HOII…
KO TODE SHIV DHANUSH KATHOR,
SAB KI DRISHTI RAM KI AUR,
RAM VINAYGUN KE AVTAAR,
GURUVAR KI AAGYA SIRDHAAR…
SEHAJ BHAAV SE SHIV DHANU TODA,
JANAK SUTA SANG NATA JODA…
RAGHUVAR JESA AUR NA KOI,
SEETA KI SAMTA NAHI HOII,
JO KARE PARAAJIT KANTI KOTI RATI KAAM KI,
HUM KATHA SUNATE RAM SAKAL GUN DHAAM KI,
YE RAMAYAN HAI PUNY KATHA SIYA RAM KI…
SAB PAR SHABD MOHINI DAARI,
MANTRAMUGHDH BHAY SAB NAR-NAARI,
YO DIN RAIN JAAT HAI BEETE,
LUV KUSH NE SAB KE MAN JEETE,
VAN GAMAN, SEETA-HARAN, HANUMAT MILAN
LANKA DEHAN, RAVAN MARAN, AYODHYA PUNRAAGMAN…
SAVISTAAR SAB KATHA SUNAAI,
RAJA RAM BHAY RAGHURAAI,
RAM RAAJ AAYO SUKH DAAI,
SUKH SAMRIDDHI SHREE GHAR GHAR AAI…
KAAL CHAKRA NE GHATNA KRAM MEIN,
AISA CHAKRA CHLAYA,
RAM SIYA KE JEEVAN MEIN PHIR,
GHOR ANDHERA CHHAYA…
AVADH MEIN AISA, AISA IK DIN AAYA
NISHKALANK SEETA PE PRAJA NE,
MITHYA DOSH LAGAYA,
AVADH MEIN AISA, AISA IK DIN AAYA…
CHAL DI SIYA JAB TOD KAR,
SAB NEH-NAATE MOH KE,
PAASHAN HRIDYON MEIN NAA,
ANGAARE JAGE VIDROH KE…
MAMTAMAYI MAAON KE AANCHAL,
BHI SIMAT KAR REH GAYE,
GURUDEV GYAAN AUR NEETI KE,
SAGAR BHI GHAT KAR REH GAYE…
NA RAGHUKUL NA RAGHUKUL NAAYAK,
KOI NA SIYA KA HUA SAHAYAK,
MAANAVTA KO KHO BETHE JAB,
SABHYA NAGAR KE VAASI,
AB SEETA KO HUA SAHAAYAK,
VAN KA EK SANYAASI…
UN RISHI PARAM UDAAR KA,
VALMIKI HUBH NAAM,
SEETA KO AASHRAY DIYA,
LE AAE NIJ DHAAM…
RAGHUKUL MEIN KULDEEP JALAAYEIN,
RAM KE DO SUT SIY NE JAAY…
(SHROTA GAN, JO EK RAJA KI PUTRI HAI
EK RAJA KI PUTRAVADHU HAI,
AUR EK CHAKRAVATI RAJA KI PATNI HAI,
VAHI MAHARANI SEETA,
VANVAAS KE DUKHON MEIN,
APNE DIN KAISE KAATTI HAI,
APNE KUL KE GAURAV AUR,
SWAABHIMAAN KI RAKSHA KARTE HUE,
KISI SE SAHAAYTA MAANGE BINA,
KAISE APNE KAAM VO SWAYAM KARTI HAIN,
SWAYAM VAN SE LAKDI KAATTI HAI,
SWAYAM APNA DHAAN KUTTI HAI,
SWAYAM APNI CHAKKI PEESTI HAI,
AUR APNI SANTAAN KO ,
SWAAVLAMBI BANNE KI SHIKSHA KAISE DETI HAI,
AB USKI KARUN JHAANKI DEKHIYE)
JANAK DULAARI KULVADHU DASHRATH JI KI,
RAAJ-RANI HOKE DIN VAN MEIN BITATI HAI…
REHTE THE GHERE JISE DAAS-DAASI AATHO YAAM,
DAASI BANI APNI UDAASI KO CHUPATI HAI…
DHARAM PRAVEEN SATI PARAM KULIN SAB,
VIDHI DOSHHEEN JEENA DUKH MEIN SIKHAATI HAI,
JAGMAATA HARI-PRIY LAKSHMI SWAROOPA SIYA,
KOOTTI HAI DHAAN BHOJ SWAYAM BANAATI HAI…
KATHIN KULHAADI LEKE LAKDIYAA KAATTI HAI,
KARAM LIKHE KO PAR KAAT NAHI PAATI HAI…
PHOOL BHI UTHANA BHAARI JIS SUKUMARI KO THA,
DUKH BHARE JEEVAN KA BOJH VO UTHATI HAI…
ARDHAANGINI RAGHUVEER KI VO DHARDHEER,
BHARTI HAI NEER, NEER NAIN MEIN NA LAATI HAI
JISKI PRAJA KE APVAADON KO KUCHAKRA MEIN VO ,
PEESTI HAI CHAKKI SWABHIMAAN BACHAATI HAI,
PAALTI HAI BACCHON KO VO KARM YOGINI KI BHAATI,
SWABHIMAANI SWAAWLAMBI SAFAL BANAATI HAI,
AISI SEETA MATA KI PARIKSHA LETE DUKH DETE,
NITHUR NIYATI KO DAYAA BHI NHI AATI HAI…
O…US DUKHIYAA KE RAAJ-DULAARE,
HUM HI SUTT SHREE RAM TIHAARE…
O… SEETA MAA KE AANKH KE TAARE,
LUV-KUSH HAI PITU NAAM HUMARE…
HEY PITU BHAAGYA HUMARE JAAGE,
RAM KATHA KAHI RAM KE AAGE
“हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की” एक बहुत ही प्रसिद्ध और भावुक भजन है। यह भजन भगवान श्रीराम के गुण, उनकी अच्छाई और उनके जीवन की सीख हमें सरल और प्यारे शब्दों में सुनाता हैं।
जब यह भजन गाया जाता हैं, ऐसा लगता जेसे हम खुद रामायण कथा सुन रहे हैं। इस भजन ने लाखों लोगों के दिल में भगवान राम के लिए प्रेम और श्रद्धा भक्ति बढ़ाई है।
इस भजन का इतिहास बहुत ख़ास हैं क्योंकि इसे भारत के सबसे लोकप्रिय धार्मिक टीवी सीरियल में शामिल किया गया था।
इन्होंने मिलकर इस भजन को इतना खास बना दिया कि आज भी यह भजन हर घर, हर मंदिर और हर भजन संध्या में गाया जाता है।
यह भजन आज भी हर जगह लोगो के प्रेम और भक्ति का सबसे बड़ा साधन है। लोग इस भजन को गाते है ताकि उनके मन में भक्ति बनी रहे और उनका दिल हमेशा अच्छे काम करने के लिए तैयार रहें।
यह भजन आज भी उतनी ही श्रद्धा से गाया जाता है जितनी रामायण के समय घर-घर में गूंजता था। इसने भगवान राम की कथा को हर व्यक्ति तक बहुत आसन भाषा में पहुचांया।
“हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की” भजन रामायण की आत्मा से जुड़ा हुआ है। यह भजन भगवान श्रीराम के गुणों, उनके आचरण, उनकी विनम्रता और उनके आदर्श जीवन को पूरे प्रेम और भक्ति के साथ दुनिया के सामने रखता है।
इस भजन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह हमें रामायण की कहानी को बहुत ही सरल, मीठे और भावुक शब्दों में समझाता है।
रामायण सिर्फ एक कहानी नहीं, यह भारत की संस्कृति, धर्म और आदर्शों की सबसे बड़ी सीख है। इसी बात को लोगों तक पहुँचाने में इस भजन ने बहुत अहम भूमिका निभाई है।
जब यह भजन टीवी पर रामायण के समय गूँजा, तब पूरे देश में एक भक्ति का माहौल बन गया था। हर घर में बच्चे, बड़े और बुजुर्ग सभी ध्यान से रामायण सुनते थे और यह भजन सुनकर भावुक हो जाते थे।
इस भजन का सबसे विशेष महत्व लव-कुश से जुड़ा हुआ है। जब दोनों बच्चे भगवान राम की जीवन कथा सुनाते हैं।
तब यह भजन पृष्ठभूमि में बजता है। यह दिखाता है कि रामकथा सिर्फ़ एक राजा की कहानी नहीं, बल्कि सदियों तक चलने वाला प्रेरणा स्रोत है।
उनके गाने से पूरी अयोध्या भावुक हो जाती है और सभी लोगो को भगवान राम की महानता याद आ जाती है। इसलिए इस भजन के बिना वह दृश्य अधूरा माना जाता है।
आज भी मंदिरों, स्कूलों, रामलीला और भजन संध्याओं में यह भजन बहुत प्यार से गाया जाता है।
टीवी पर रामायण आने के बाद भी, यह भजन आज तक उतना ही लोकप्रिय है। जब भी कोई इसे सुनता है, रामायण की यादें ताज़ा हो जाती हैं। इस भजन ने यह साबित किया है कि भक्ति की शक्ति कभी पुरानी नहीं होती।
“हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की” भजन हमें भगवन राम की पूरी कहानी बहुत सरल और मीठे ढंग से समझाता है। इस भजन के माध्यम से हमें पता चलता है की भगवन राम ने अपने जीवन में हमेशा सच, प्रेम और धर्म का साथ दिया।
यही वजह है कि आज भि लोग उनके जीवन से सीख लेकर और सच्चे इंसान बनने की कोशिश करते हैं। इस भजन ने रामायण की पवित्र सीख को हर घर तक पहुँचाया है।
जब भी लोग इस भजन को गाते या सुनते हैं, उनके मन में नया जोश, भक्ति और शांति पैदा होती है। यह भजन लोगों के दिलों में रामायण की यादों को हमेशा जिंदा रखता है।
Hum Katha Sunate Bhajan Lyrics in Hindi की मदद से छोटे-बड़े सभी भगवान राम के बारे में आसानी से जान पाते हैं।
यह भजन हमें सिखाता है कि जीवन में प्यार, सम्मान और धर्म का स्थान बहुत ऊँचा है। इसी कारण यह भजन हमेशा भक्ति और प्रेरणा का सुन्दर स्त्रोत बना रहेगा।
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