Baglamukhi Jayanti 2024: Time, Vidhi And Benefits
As per your demands, we will discuss the Baglamukhi Jayanti 2024 time, vidhi, and benefits. What procedure should you follow…
Book a pandit for Diwali Puja in a single click
Verified Pandit For Puja At Your Doorstep
हमारे इस भारत में कई सम्प्रदाय के लोग निवास करते है| आज हम हिन्दू धर्म के त्यौहार के बारे में बात करेंगे| ऐसे तो हिन्दू धर्म में बहुत सारे त्यौहार आते है| लेकिन दीपावली 2023 का त्यौहार हिन्दू धर्म के साथ साथ सम्पूर्ण भारत देश में बहुत ही हर्षोल्लास व खुशहाली के साथ मनाया जाता है| दीपावली को कई लोग दिवाली के नाम से भी जानते होंगे|
दिवाली का त्यौहार हिन्दुओं में नए साल के समान ही मनाया जाता है| दीपावली 2023 का त्यौहार धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो भी हिन्दू धर्म के लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है| इस दिन सभी अपने घरों में दीपक जलाते है|
दीपावली 2023 का त्यौहार बड़े – बड़े शहरों से लेकर छोटे – छोटे गाँवों में भी मनाया जाता है| इस दिन गाँवों में अपने पालतू जानवरों के लिए भी कई सारी वस्तुएं खरीदी जाती है| दिवाली के दिन जब गाँव के प्रत्येक घरों में दीपक जलते है| तो उन सारे दीपकों की रोशनी से पूरा गाँव ही जगमगा जाता है|
दीपावली के दिन भगवान श्री राम अपना वनवास समाप्त कर व रावण का वध करके अपनी आयोध्या नगरी में वापस लौटे थे| इसलिए इस दिन को सम्पूर्ण भारत और सनातन धर्म में दीपावली (दिवाली) के रूप में मनाया जाता है| दिवाली को प्रकाश व रोशनी का त्यौहार भी कहा जाता है| इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में भी मनाया जाता है|
100% FREE CALL TO DECIDE DATE(MUHURAT)
दिवाली 2023 का त्यौहार धनतेरस के दिन से प्रारम्भ होता है और भाई दूज के दिन समाप्त हो जाता है| हिन्दू धर्म के पंचांग के अनुसार दीपावली का यह पावन त्यौहार प्रत्येक वर्ष में कार्तिक मास के 15वें दिन अमावस्या को मनाया जाता है| इस वर्ष दीपावली 2023 का यह पवित्र त्यौहार 12 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा|
दिवाली 2023 तिथि | 12 नवंबर 2023, रविवार |
दिवाली 2023 लक्ष्मी पूजा मुहूर्त | 17:40 से लेकर 19:36 तक |
दिवाली 2023 प्रदोष काल | 17:36 बजे से 20:11 बजे तक |
दिवाली 2023 वृषभ काल | 17:27 बजे से 20:07 बजे तक |
अमावस्या तिथि प्रारम्भ | 12 नवंबर 2023, दोपहर – 02:45 से |
अमावस्या तिथि समाप्त | 13 नवंबर 2023, दोपहर – 02: 57 तक |
दीपावली के साथ अन्य भी कई सारे त्यौहार भी आते है जैसे – दीपदान, धनतेरस, गोवर्धन पूजा, तथा भाई दूज| यह त्यौहार पुरे सप्ताह चलने वाला सुप्रसिद्ध त्यौहार है|
यह त्यौहार कार्तिक मास के 15वें दिन अमावस्या को मनाया जाता है| यदि हम बात करे इस दीपावली 2023 के त्यौहार को क्यों मनाया जाता है तो उसके लिए अनेकों कथाए प्रचलित है| लेकिन जिस कथा के बारे लोगों को ज्ञात है वो भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास के लौटने की कथा है| इसके अलावा भी और कथाए है| जिनके बारे में आपको पता नहीं है और हम आज इस लेख के माध्यम से आपको उन सभी कथाओं से अवगत करवाएँगे| जिनके बारे में आपको पता नहीं है –
वाल्मीकि जी के द्वारा लिखी गई रामायण ने बताया है कि जब भगवान श्री राम रावण का वध करने व अपनी पत्नी सीता को बचाकर अपने भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे| उस दिन पुरे नगर के सभी घरों में दीपक जल रहे थे| माना जाता है कि उस दिन सम्पूर्ण अयोध्या नगरी दीपों से जगमगा उठी थी| भगवान श्री राम के वनवास पूर्ण करके लौटने पर ही दिवाली का यह पावन त्यौहार मनाया जाता है| इस दिन प्रत्येक में गाँव में दीपक जलाए गए थे| तब से ही दिवाली को अंधकार पर विजय का पर्व भी माना गया है|
माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की सहायता से राक्षस नरकासुर का अंत किया था| इस असुर को किसी स्त्री के हाथों ही मरने का श्राप मिला हुआ था| उस दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि थी| नरकासुर के आतंक से मुक्ति पाने की खुशी में वहां के लोगों ने दीपोत्सव मनाया था| जिसके अगले दिन दीपावली का त्यौहार मनाया गया|
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भगवान श्री राम के भांति ही पांडवो को भी अज्ञातवास के कारण अपना राज्य छोड़ना पड़ा था| उनकी पुनः घर वापसी पर पुरे हस्तिनापुर को दीपो के द्वारा सजाया गया था| तब से ही दिवाली की शुरुआत हुई|
इस त्यौहार से सम्बंधित एक कथा यह भी है कि समुद्र मंथन के समय माता लक्ष्मी में इस पृथ्वी पर अवतार लिया था| माता लक्ष्मी जी को धन और समृद्धि प्रदान करने वाली देवी के रूप में भी जाना जाता है| इसी वजह से प्रत्येक घरों में दीपक जलने के साथ – साथ माता लक्ष्मी पूजा की जाती है|
एक कथा के अनुसार माता पार्वती ने किसी असुर का वध करने के लिए जब महाकाली का रूप धारण किया तो उसका वध करने के पश्चात भी माता पार्वती का क्रोध शांत नहीं हो रहा था| तब माता पार्वती के क्रोध को शांत करने के लिए भगवान शिव माता पार्वती के चरणों में आ गये थे| उस समय भगवान शिव के स्पर्श से ही पार्वती माँ का क्रोध शांत हो गया था| इसी कारण से दीपावली के दिन उनके शांत रूप माता लक्ष्मी का भी पूजन किया जाता है| इसके
अलावा इस दिन रात को माता काली की पूजा का भी विधान माना गया है|
वस्तु | मात्रा |
रोली | 1 पैकेट |
कलावा (मौली) | 2 नग |
सिंदूर | 1 पैकेट |
लौंग | 1 पैकेट |
इलायची | 1 पैकेट |
सुपारी | 4 नग |
जनेऊ | 4 नग |
शहद | 1 शीशी |
इत्र | 1 शीशी |
गंगाजल | 1 शीशी |
पानी वाला नारियल | 1 नग |
पीला कपड़ा | 2 मीटर |
धूपबत्ती | 1 पैकेट |
रुई बत्ती लंबी वाली | 1 पैकेट |
रुई बत्ती गोल बत्ती | 1 पैकेट |
घी | 500 ग्राम |
सरसो का तेल | 500 ग्राम |
दियाळी | 1 नग |
सकोरा | 10 नग |
कमल बीज | 11 नग |
पंचमेवा | 200 ग्राम |
धान की खील | 200 ग्राम |
धान का चूरा | 200 ग्राम |
खील खिलोने | 200 ग्राम |
लक्ष्मी गणेश प्रतिमा | – |
लक्ष्मी यंत्र | 1 नग |
भगवान के वस्त्र एवं आसान | – |
पंचामृत की व्यवस्था पहले से निर्माण करे | – |
माचिस | 1 नग |
कपूर | 1 पैकेट |
फल (अनार सरीफा विशेष एवं अन्य फल) | – |
मिष्ठान | आवश्यकतानुसार |
फूल माला | – |
फूल खुले | 20 रुपये |
पान पते | 5 नग |
कमल | आवश्यकतानुसार जो वर्षभर प्रयोग कर सके |
नौवीं (कॉपी एवं किताब आवश्यकतानुसार) | – |
वस्तु | मात्रा |
माचिस | 1 पैकेट |
गोमती चक्र | 5 नग |
कोढ़ी | 11 नग |
खड़ी धनिया | 50 ग्राम |
सुपाड़ी | 11 नग |
कमल बीज | 11 नग |
धुंधची | 11 नग |
चांदी अथवा स्वर्ण सिक्का | 3 नग |
पोटली | 1 नग |
दिवाली 2023 के दिन माता लक्ष्मी जी का आव्हान करते है| माँ लक्ष्मी को धन देवी भी कहा जाता है| जो भी दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की सच्ची श्रद्धा से प्रार्थना करता है| उसे उनकी कृपा अवश्य ही प्राप्त होती है| उनकी असीम कृपा पाने के लिए आप इस निम्न मंत्र का जप कर सकते है –
|| ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
इस मंत्र का दीपावली के दिन 108 बार जप करने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है|
100% FREE CALL TO DECIDE DATE(MUHURAT)
दीपावली 2023 की पूजा के दौरान हमें निम्न बातो का पता होना चाहिए जैसे की –
दीपावली को कई लोग दिवाली के नाम से भी जानते होंगे| दिवाली का त्यौहार हिन्दुओं में नए साल के समान ही मनाया जाता है| दीपावली 2023 का त्यौहार धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो भी हिन्दू धर्म के लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है| इस दिन सभी अपने घरों में दीपक जलाते है| दीपावली का त्यौहार बड़े – बड़े शहरों से लेकर छोटे – छोटे गाँवों में भी मनाया जाता है| इस दिन गाँवों में अपने पालतू जानवरों के लिए भी कई सारी वस्तुएं खरीदी जाती है|
दिवाली के दिन जब गाँव के प्रत्येक घरों में दीपक जलते है| तो उस सारे दीपों की रोशनी से पूरा गांव ही जगमगा जाता है| दिवाली का त्यौहार धनतेरस के दिन प्रारम्भ होता है और भाई दूज के दिन समाप्त हो जाता है| हिन्दू धर्म के पंचांग के अनुसार दीपावली 2023 का यह पावन त्यौहार प्रत्येक वर्ष में कार्तिक मास के 15वें दिन अमावस्या को मनाया जाता है| दिवाली को प्रकाश व रोशनी का त्यौहार भी कहा जाता है| इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में भी मनाया जाता है|
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से दीपावली 2023 के बारें में काफी बाते जानी है| आज हमने दीपावली 2023 पूजन के फ़ायदों के बारे में भी जाना| हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी से आपको कोई ना कोई मदद मिली होगी| इसके अलावा भी अगर आप किसी और पूजा के बारे में जानकारी लेना चाहते है। तो आप हमारी वेबसाइट 99Pandit पर जाकर सभी तरह की पूजा या त्योहारों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ले सकते है|
अगर आप दीपावली 2023 पूजन हेतु पंडित जी की तलाश कर रहे है तो आपको बता दे की 99Pandit पंडित बुकिंग की सर्वश्रेष्ठ सेवा है जहाँ आप घर बैठे मुहूर्त के हिसाब से अपना पंडित ऑनलाइन आसानी से बुक कर सकते हो | यहाँ बुकिंग प्रक्रिया बहुत ही आसान है| बस आपको “बुक ए पंडित ” विकल्प का चुनाव करना होगा और अपनी सामान्य जानकारी जैसे कि अपना नाम, मेल, पूजन स्थान , समय,और पूजा का चयन के माध्यम से आप आपना पंडित बुक कर सकेंगे|
Q.इस वर्ष दिवाली (दीपावली) का त्यौहार कब है ?
A.वर्ष 2023 में दिवाली का त्यौहार 12 नवम्बर 2023, रविवार को है|
Q.दीपावली का त्यौहार किस माह में आता है ?
A.यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है|
Q.इस दिन किस भगवान की पूजा की जाती है ?
A.दीपावली के दिन मुख्यतः: माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है| इनके अलावा भगवान गणेश, कुबेर जी और सरस्वती माता की पूजा की जाती है|
Q.इस दिवाली पर माता लक्ष्मी के पूजन का शुभ मुहूर्त कब है ?
A.17:40 बजे से लेकर 19:36 बजे तक
Table Of Content